Episode image

कबीर वाणीः जब मैं था तब हरि नहीं, अब हरि है मैं नाही

कबीर वाणी

Episode   ·  421 Plays

Episode  ·  421 Plays  ·  2:10  ·  May 16, 2023

About

 जब मैं था तब हरि नहीं, अब हरि है मैं नाही सब अँधियारा मिट गया, दीपक देखा माही । कबीर दास जी कहते हैं कि जब मेरे अंदर अहंकार था, तब मेरे ह्रदय में हरीईश्वर का वास नहीं था। और अब मेरे ह्रदय में हरीईश्वर का वास है तो अहंकार नहीं है। जब से मैंने गुरु रूपी दीपक को पाया है तब से मेरे अंदर का अंधकार खत्म हो गया है।

2m 10s  ·  May 16, 2023

© 2023 Podcaster