About
हाये धोये क्या हुआ, जो मन मैल न जाए । मीन सदा जल में रहे, धोये बास न जाए । भावार्थ: कबीर दास जी कहते हैं कि आप कितना भी नहा धो लीजिए, लेकिन अगर मन साफ़ नहीं हुआ तो उसे नहाने का क्या फायदा, जैसे मछली हमेशा पानी में रहती है लेकिन फिर भी वो साफ़ नहीं होती, मछली में तेज बदबू आती है।
2m 10s · May 4, 2023
© 2023 Podcaster