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काव्य तरंग // नदी ही मनुज का सदा घर रही है// ऑथर ऑफ़ द मंथ// आचार्य संजीव वर्मा सलिल

Kaavya Tarang

Episode   ·  4 Plays

Episode  ·  4 Plays  ·  10:59  ·  May 30, 2021

About

नर्मदा नदी किनारे धन्य अनुभव करते हैं आचार्य संजीव वर्मा सलिल मगर पीडा भी बहुत है उनके शब्दों में। नदी किनारे हमने यानी मनुष्य ने पहले पहल घर बसाया और अब जब नदी को देखभाल की आवश्यकता है तो उसे उपेक्षित छोड़ा, अनदेखा कर दिया!! धरती के सबसे बुद्धिमान प्राणी द्वारा किया गया यह अशिष्ट व्यवहार प्रकृति को बिलकुल स्वीकार्य नहीं है। आइये, इस बार नदी की करुण पुकार सुनते हैं हमारे ऑथर ऑफ़ द मंथ की कविताओं में तथा नदियों के प्रति सजगता की ओर मिलकर कदम बढ़ाते हैं। कविताएँ - आचार्य संजीव वर्मा सलिल आलेख - विश्व दीपक स्वर - निखिल आनंद गिरि तकनीकी सहायता  - अमित तिवारी आर्ट वर्क - अमित तिवारी एपिसोड परिकल्पना एवम् संयोजन - पूजा अनिल

10m 59s  ·  May 30, 2021

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