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अक्षरब्रह्मयोग – Geeta Summary in Hindi इस अध्याय में श्री कृष्ण, अर्जुन को ब्रह्म और आत्मा आदि के बारे में बताते हैं। कृष्ण कहते हैं कि अहम ब्रह्मास्मि। अर्थात मैं ही ब्रह्मा है। और चूँकि मनुष्य की आत्मा भी ईश्वर का ही भाग है इसलिए मनुष्य भी ब्रह्मा ही है। मनुष्य इन बातों को नहीं जान पाता क्युँकि उसकी बुद्धि पर मोहमाया का पर्दा पड़ा रहता है। साथ ही कृष्ण बताते हैं कि बाकी सारे देवी -देवता भी कृष्ण द्वारा ही बनाये गए हैं। उनकी पूजा करना भी परम-ब्रह्म यानि श्री कृष्ण की पूजा करना ही है। मृत्यु के समय जो कृष्ण का ध्यान करते हैं और कृष्ण को भजते हैं उन्हें वे मोक्ष दे देते हैं। कृपया गीता के अध्ययन को बार बार सुने. प्रस्तुत है अध्याय - 08 धन्यवाद
7m 23s · Feb 14, 2023
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