About
भारत के सामाजिक और राजनीतिक परिदृश्य में रंगों का गहरा महत्व है। भगवा, हरा और लाल जैसे रंग जहां विभिन्न विचारधाराओं और समुदायों का प्रतिनिधित्व करते हैं, वहीं नीला रंग दलित राजनीति और आंदोलन का प्रतीक बन चुका है। यह केवल एक रंग नहीं, बल्कि दलित राजनीति करने वाली तमाम पोलिटिकल पार्टियों और संगठन का मूल रंग है। डॉ. भीमराव अंबेडकर के नेतृत्व में शुरू हुए दलित आंदोलनों ने इस रंग को पहचान दी, और आज यह उनके संघर्षों और उपलब्धियों का प्रतीक है। आज के ज्ञान ध्यान में समझेंगे कि नीला रंग कैसे और क्यों दलित राजनीति की पहचान बन गया.
5m 56s · Dec 21, 2024
© 2024 Podcaster