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मरियम के साथ यात्रा [भाग - 11] अपने जीवन में प्रभु येसु का होने का आनंद जहाँ दुःख मिलता है मनुष्य वहाँ आनंद ढ़ूँढ़ता है! प्रभु येसु का हमारे जीवन में होना ही आनंद है। एक तरफ सारी सृष्टि और दूसरी तरफ येसु किसको चुनेंगे? आनंद के भेदों पर मनन करिये। ईश्वर हमें आनंद देने के लिए बनाये। जो ईश्वर हर दिन हम से मिलने आता उससे हमें भी हर दिन मिलना चाहिये। मनन चिंतन के लिएः मेरे जीवन की प्राथमिक्ताएँ क्या हैं? एक सूची बनाइये। आपके जीवन में येसु का कौनसा स्थान है? आप ज़केयुस के समान हैं क्या जो येसु को आनंदित हो कर स्वीकार किया? येसु को पूर्ण रूप से अपने जीवन में आने देने में क्या-क्या बाधाएँ हैं? इसायाह का ग्रन्थ 55:1-13 उपदेशक ग्रन्थ 1:1-18 फ़िलिप्पियों के नाम सन्त पौलुस का पत्र 4:4 संत अगस्तीन के बारे में जानिये।
26m 44s · Nov 28, 2020
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