About
आलेख : सुजॉय चटर्जी।। वाचन : मीनू सिंह।। प्रस्तुति : संज्ञा टंडन ।। नमस्कार दोस्तों, ’एक गीत सौ अफ़साने’ की एक और कड़ी के साथ हम फिर हाज़िर हैं। फ़िल्म और ग़ैर-फ़िल्म-संगीत की रचना प्रक्रिया और उनके विभिन्न पहलुओं से सम्बन्धित रोचक प्रसंगों, दिलचस्प क़िस्सों और यादगार घटनाओं को समेटता है ’रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ का यह साप्ताहिक स्तम्भ। विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त जानकारियों और हमारे शोधकार्ताओं के निरन्तर खोज-बीन से इकट्ठा किए तथ्यों से परिपूर्ण है ’एक गीत सौ अफ़साने’ की यह श्रॄंखला। दोस्तों, आज के अंक के लिए हमने चुना है 1952 की फ़िल्म ’आनन्दमठ’ में सम्मिलित, कालजयी देशभक्ति गीत "वन्देमातरम"। लता मंगेशकर, हेमन्त कुमार और साथियों की आवाज़ें, बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय के बोल, और हेमन्त कुमार का संगीत। अठारहवीं शताब्दी का सन्यासी विद्रोह, बंकिम चन्द्र का ’आनन्दमठ’ और ’वन्देमातरम’, फ़िल्मकार हेमेन गुप्ता का क्रान्तिकारी गतिविधियों की वजह से सात वर्ष कारावास और फिर 1952 में उनका ’आनन्दमठ’ फ़िल्म का निर्देशन। कैसा ताना-बाना बुना हुआ है इन सब का आपस में? क्या रिश्ता था हेमेन गुप्ता और नेताजी सुभाष चन्द्र बोस का? फ़िल्म ’आनन्दमठ’ के लिए संगीतकार हेमन्त कुमार को ही क्यों चुना गया? ’वन्देमातरम’ के मूल गीत के पाँच छन्दों में से किन छन्दों को फ़िल्मी संस्करण में जगह मिली है? ’वन्देमातरम’ के 150-साल पूर्ति पर किस फ़िल्म का निर्माण इन दिनों चल रहा है? ये सब आज के इस अंक में।
15m 48s · Aug 15, 2023
© 2023 Podcaster