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शोध व आलेख : सुजॉय चटर्जी स्वर : मनुज मेहता प्रस्तुति : संज्ञा टण्डन नमस्कार दोस्तों, ’एक गीत सौ अफ़साने’ की एक और कड़ी के साथ हम फिर हाज़िर हैं। फ़िल्म-संगीत की रचना प्रक्रिया और विभिन्न पहलुओं से सम्बन्धित रोचक प्रसंगों, दिलचस्प क़िस्सों और यादगार घटनाओं को समेटता है ’रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ का यह साप्ताहिक स्तम्भ। विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त जानकारियों और हमारे शोधकार्ताओं के निरन्तर खोज-बीन से इकट्ठा किए तथ्यों से परिपूर्ण है ’एक गीत सौ अफ़साने’ की यह श्रॄंखला। आज के अंक के लिए हमने चुना है वर्ष 1971 की चर्चित फ़िल्म ’गुड्डी’ का गीत "बोले रे पपीहरा"। वाणी जयराम की आवाज़, गुलज़ार के बोल, और वसन्त देसाई का संगीत। फ़िल्म ’गुड्डी’ के लिए अभिनेत्री जया भादुड़ी, संगीतकार वसन्त देसाई और पार्श्वगायिका वाणी जयराम का चुनाव ऋषि ने कैसे और क्यों किया? इस गीत की रेकॉर्डिंग होते ही वाणी जयराम को किस बात का आभास हो गया? बचपन में बिना गीत माला सुनते समय अपनी माँ से कही हुई कौन सी बात पच्चीस साल बाद सच हुई? फ़िल्म ’गुड्डी’ में वाणी जयराम के गाये किस गीत को लता जी के गाये एक पुराने गीत से रिप्लेस कर दिया गया? वाणी जयराम लता मंगेशकर के किस गीत की रेकॉर्डिंग पर उनसे मिली? जब वाणी जयराम लता मंगेशकर के घर गईं, तब लता जी ने उपहार स्वरूप उन्हें क्या दिया? ये सब आज के इस अंक में।
19m 36s · Feb 8, 2023
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