About
इस कहानी के ज़रिये हमने बात करने की कोशिश है मानसिक रोगों और उसके चारों और फैला हौवा, उसके कारण और मानसिक स्वस्थ्य बेहतर करने के तरीकों के बारे में.    डॉक्टर सुप्रिया धोंगंडे का परिचय काफी दिलचस्प है, कक्षा सातवीं में फेल होकर साइकोलॉजी में इमोशनल  इंटेलिजेंस और psychological well-being में doctorate करना,  मध्य प्रदेश के छोटे शहर से U.S. की Dale Carnegie संस्था में काम करने का अवसर मिलना,  हिंदी मीडियम में पढ़ कर, आज अंग्रेजी में कारपोरेट लीडरशिप ट्रेनिंग और एक्जीक्यूटिव कोचिंग करना - कुछ एक उदाहरण हैं.  इन सब उदाहरणों से परिचय की शुरुआत करने का उद्देश्य केवल इतना है, की हम सभी जीवन में असफल होते हैं, पर जीवन वहां रुकता नहीं है. उनकी इस विचारधारा का श्रेय वो अपने विषय मनोविज्ञान को देती हैं, इस विषय ने उन्हें बहुत कुछ दिया, अपने आपको जान कर, समझ कर, निरंतर विकसित करने का हौसला दिया (evolve and empower) लिखने में उनकी रुचि बचपन से थी पर डायरी और पत्र लिखने तक ही सीमित थी! बाद में उनके लेख विविध विषयों पर स्थानीय अखबारों में नियमित रूप से छपते थे.  उनकी लिखी कहानियों का संग्रह उनके YouTube channel पर उनके द्वारा पढ़ा गया है.  उनकी कहानियों की विशेषता है कि हर कहानी में उनके पात्रों में, आप अपने आपको कहीं ना कहीं ढूंढ ही लेते हैं.    For more of her stories, see Dr Supriya's Youtube channel - https://www.youtube.com/user/TheSupriya5
46m 41s · Oct 5, 2020
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