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Covid - Harjeet Singh Tuktuk

Kavita Path

Episode   ·  308 Plays

Episode  ·  308 Plays  ·  4:02  ·  Dec 19, 2021

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Listen in to a recitation of "Covid" written by Harjeet Singh Tuktuk. Lyrics in Hindi: हमारा तो निकल गया रोना। जब पता चला कि पड़ोसी को हो गया है कोरोना। रात के अंधेरे में, सुबह और सवेरे में। हम भी आ गए, शक के घेरे में। हमने सबको यक़ीन दिलाया। कि हम हैं सोबर और सुशील। फिर भी करम जलों ने। कर दिया हमारा घर सील। हम इस बात से थे दुखी। तभी पत्नी पास आके रुकी। बोली घर में खतम हो गया हैं राशन। हमने कहा देवी बंद करो यह भाषण। पत्नी को नहीं पसंद आया हमारा टोन। उठा के तोड़ दिया हमारा मोबाइल फ़ोन। ग़ुस्से में उसका चेहरा हो गया लाल पीला। पता नहीं, ग़रीबी में ही क्यों होता है आटा गीला। अब हमें पत्नी के हुक्म का पालन करना था। घर के लिए राशन का इंतज़ाम करना था। हमने अपनी इज्जत खूँटी पे टांगी। खिड़की से चिल्ला चिल्ला के सबसे मदद माँगी। कोई नहीं आया। जो भी कहते थे कि हम भगवान के दूत हैं। बिना देखे ऐसे निकल गए जैसे हम कोई भूत हैं। आख़िर एक बूढ़ा चौक़ीदार आया। उसने घर के बाहर एक बोर्ड लगाया। बोर्ड पे लिखा था, साहब वैसे तो जेंटल हैं। लॉकडाउन में हो गए मेंटल हैं। इफ़ यू हीयर शोर,प्लीज़ इग्नोर। हमने कहा, भैया, आ रहा है मज़ा। दूसरे के कर्मों की हमको दे के सजा। वो बोला बाबूजी, लाखों रोज़गार छोड़ कर चले गए घर। हज़ारों बिना इलाज के कर रहे हैं suffer। सैकड़ों रोज़ करते हैं भूख से लड़ाई। वो सब भी इसी बात की दे रहे हैं दुहाई। आख़िर किसकी गलती की सजा हमने है पाई। बुरा मत मानिएगा, बात सच्ची है, कड़वी लग सकती है। पर किसी की गलती की सजा किसी को भी मिल सकती है। वैसे आपकी बताने आया था विद स्माइल। आपके पड़ोसी की बदल गयी थी फ़ाइल। हमने भगवान को लाख लाख धन्यवाद दिया। और कविता का अंत कुछ इस तरह से किया। पड़ोसी तो लग के आ गया हॉस्पिटल की लाइन में। हम अभी भी चल रहे हैं क्वॉरंटाइन में। --- Support this podcast: https://podcasters.spotify.com/pod/show/kavita-path/support

4m 2s  ·  Dec 19, 2021

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