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एक पल ही सही | नंदकिशोर आचार्य कभी निकाल बाहर करूँगा मैं समय कोहमारे बीच सेअरे, कभी तो जीने दो थोड़ाहम को भी अपने मेंठेलता ही रहता हैजब देखो जाने कहाँफिर चाहे शिकायत कर दे वहउस ईश्वर कोदेखता जो आँखों से उसकीउसी के कानों से सुनतादे दे वह भी सज़ा जो चाहेएक पल ही सहीजी तो लेंगे हमथोड़ा एक-दूसरे मेंसमय के-और उस पर निर्भरईश्वर के-बिनादेखता हूँ पर हमारे बिनाकैसे जिएँगे वे ख़ुद?
2m · Dec 7, 2024
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