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जो युवा था | श्रीकांत वर्मालौटकर सब आएँगेसिर्फ़ वह नहींजो युवा था—युवावस्था लौटकर नहीं आती।अगर आया भी तोवह नहीं होगा।पके बाल, झुर्रियाँ,ज़रा,थकानवह बूढ़ा हो चुका होगा।रास्ते मेंआदमी का बूढ़ा हो जानास्वाभाविक है—रास्ता सुगम हो या दुर्गमकोई क्यों चाहेगाबूढ़ा कहलाना?कोई क्यों अपनेपके बालगिनेगा?कोई क्योंचेहरे की सलें देखचाहेगा चौंकना?कोई क्यों चाहेगाकोई उससे कहेआदमी कितनी जल्दी बूढ़ा हो जाता है—तुम्हीं को लो!कोई क्यों चाहेगाकि वहजरा, मरण और थकान की मिसाल बने।लौटकर सब आएँगेसिर्फ़ वह नहींजो युवा था।
1m 59s · Dec 10, 2024
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