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Kuch Chote Sapno Ke Badle - Kumar Vishwas

Kavita Path

Episode   ·  56 Plays

Episode  ·  56 Plays  ·  2:25  ·  Nov 4, 2023

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Listen in to a recitation of a "Kuch Chote Sapno Ke Badle" written by Kumar Vishwas. Lyrics in Hindi: कुछ छोटे सपनो के बदले,बड़ी नींद का सौदा करने,निकल पडे हैं पांव अभागे,जाने कौन डगर ठहरेंगे !वही प्यास के अनगढ़ मोती,वही धूप की सुर्ख कहानी,वही आंख में घुटकर मरती,आंसू की खुद्दार जवानी,हर मोहरे की मूक विवशता,चौसर के खाने क्या जानेहार जीत तय करती है वे, आज कौन से घर ठहरेंगेनिकल पडे हैं पांव अभागे,जाने कौन डगर ठहरेंगे !कुछ पलकों में बंद चांदनी,कुछ होठों में कैद तराने,मंजिल के गुमनाम भरोसे,सपनो के लाचार बहाने,जिनकी जिद के आगे सूरज, मोरपंख से छाया मांगे,उन के भी दुर्दम्य इरादे, वीणा के स्वर पर ठहरेंगेनिकल पडे हैं पांव अभागे,जाने कौन डगर ठहरेंगे --- Support this podcast: https://podcasters.spotify.com/pod/show/kavita-path/support

2m 25s  ·  Nov 4, 2023

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