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Prakash Chandra
कभी आशा कभी निराशा
दुआओं में अभी असर है
अय ज़िंदगी तू दो टूक है
दिखे तू ही तू
सूनी राहों में हम चले
हवा में घुला नशा
न पिघले दिल मायूसी पे
दिल बेवजह बातें करता नहीं
जबसे हो तुम मेहरबां
यही जिंदगी का फल्सफा
हवा में गीत घुलते रहते हैं
तेरी मेरी ज़िंदगी कितनी सी है
श्री राम राम
ये हवा बहते बहते
Jagadeesh Kumar Balraj, Srivardhini
Moothakudi
Balaji Sri, Padmalatha
तुम्हारे पास से जो गुज़रेंगे
कहां ख़्यालों का सिलसिसा थमा
prakash chander
Gajanan Ganesh Har Lo
हमें भी देख लेना
यूं महफ़िल में बदनाम करते हो
आंखों से न बहे नीर वे
मोहब्बत में चांद छू लिया
मुझे पत्थर मारते
सुनो ये है मेरी तुम्हारी बात
ओ डियर ज़िंदगी
हम चिराग़ों को देखते रहे
क्यों मौसम शरमाए
Pooja Nayal Bisht, Prakash Chandra
O Paruwa Bojyu
चेहरे पे उभरा जो दर्द
आशिक़ी के रंग हैं
न जाने क्यों ख़फ़ा हुए